Smart farming: सिर्फ 40 केचुओं से बनाया 50 लाख का सेटअप, दूर दूर से कपोस्ट खरीदने आते हैं किसान, 30 लोगो को दिया रोजगार
Smart farming: सिर्फ 40 केचुओं से बनाया 50 लाख का सेटअप, दूर दूर से कपोस्ट खरीदने आते हैं किसान, 30 लोगो को दिया रोजगार
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के नंदना गांव के रहने वाले नागेंद्र पांडेय ने मात्र 10 रुपये की लागत से 40 केंचुओं के साथ वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम शुरू किया। उनकी मेहनत और धैर्य ने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुंचाया, और आज उनके पास 50 लाख रुपये का वर्मी कंपोस्ट सेटअप है।
वर्मी कंपोस्ट से मिली बड़ी सफलता
नागेंद्र पांडेय ने वर्मी कंपोस्ट का काम अपने गांव में शुरू किया। उन्होंने शुरुआत में 40 केंचुओं से इस काम को शुरू किया था, और धीरे-धीरे इसे बढ़ाया। वर्तमान समय में उनके पास 400 से अधिक वर्मी कंपोस्ट बेड हैं, जिनसे वे बड़े स्तर पर वर्मी कंपोस्ट तैयार करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसने उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाया और दूसरों को भी प्रेरित किया।
दुसरो को दिया रोजगार
नागेंद्र पांडेय का वर्मी कंपोस्ट सेटअप न केवल उनके लिए मुनाफे का सौदा बना, बल्कि इसने कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न किए। उनके प्लांट में प्रतिदिन 25 से 30 महिलाएं काम करती हैं, और 15 लड़के गोबर की ढुलाई करते हैं। इसके अलावा, जहां से गोबर लाया जाता है, उन क्षेत्रों में भी रोजगार के नए द्वार खुले हैं। नागेंद्र पांडेय ने अपने इस प्रयास से न केवल अपनी आजीविका में सुधार किया, बल्कि अपने गांव और आसपास के क्षेत्र में भी रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं।
वर्मी कंपोस्ट की उपयोगिता
वर्मी कंपोस्ट की मांग बढ़ती जा रही है। यह न केवल एक बहुमूल्य खाद है, बल्कि यह मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाता है। नागेंद्र पांडेय का वर्मी कंपोस्ट प्लांट अब न केवल स्थानीय बाजार में, बल्कि दूर-दूर के क्षेत्रों में भी अपने उत्पादों की आपूर्ति कर रहा है। किसान इस प्राकृतिक खाद का उपयोग अपनी फसलों की उपज बढ़ाने के लिए कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है